बारामास भवानी रुच मुच कसे हो सिंगार | BARAMAS VO DAI RUCH MUCH KASE VO SINGAR | JAS GEET LYRICS / कांतिकार्तिक यादव
बारामास भवानी रुच मुच कसे हो सिंगार ।।2।।
रुच मुच कसे हो सिंगार ।।2।।
बारामास भवानी रुच मुच कसे हो सिंगार
बारामास दाई बरन बरन के , चमके गहना गुरिया
चमके गहना गुरिया हो मईया ।।2।।
माह असाढ़ ऋतु छुनुर छुनुर दाई, बाह भर बाजे चुरिया
बाह भर बाजे चुरिया हो मईया ।।2।।
सावन ऋतु दस अँगरी म दाई , दस रंग चमके मुदरिया
दस रंग चमके मुदरिया हो मईया ।।2।।
मास भादो के पहिरे माता देवपुर लाली चुनरिया
देवपुर लाली चुनरिया हो मईया ।।2।।
कुँवर म पहिरे दसमत हारे …रुच मुच कसे हो सिंगार
बारामास भवानी रुच मुच कसे हो सिंगार ।।2।।
कातिक महीना पियर पियर दाई , कान के खिनवा बाली
कान के खिनवा बाली हो मईया ।।2।।
अग्घन महीना तिन बुंदिया फुल्ली, मोहनी बरन मतवाली
मोहनी बरन मतवाली हो मईया ।।2।।
पुस मास म पवन पुरवइया, बिगरे चुन्दी बिकराली
बिगरे चुन्दी बिकराली हो मईया ।।2।।
माघ महीना दाई मांग भरे तंय, अम्बे माता लाली
अम्बे माता लाली हो मईया ।।2।।
फागुन माह कमर करधनिया…रुच मुच कसे हो सिंगार
बारामास भवानी रुच मुच कसे हो सिंगार ।।2।।
बारामास भवानी रुच मुच कसे हो सिंगार ।।2।।
चइत महीना दाई खन खन खनके, पाँव भर तोर पैजनिया
पाँव भर तोर पैजनिया हो मईया ।।2।।
बइसाख महीना दाई मोहनी बरन तंय महुर लागये पइयाँ
महुर लागये पइयाँ हो मईया ।।2।।
जेठ महीना म चुटकी बिछिया पहिरे भवानी मईया
पहिरे भवानी मईया हो मईया ।।2।।
देवपुर ले डरेव फूल बरसाए नाचे लंगुरे भईया
नाचे लंगुरे भईया हो मईया ।।2।।
कान्तिकार्तिक तोर शरन मा परमानन्द कठोलिया चरन म
रुच मुच कसे हो सिंगार..बारामास भवानी रुच मुच कसे हो सिंगार ।।2।।
रुच मुच कसे हो सिंगार..।।2।।
बारामास भवानी रुच मुच कसे हो सिंगार ।।4।।
गीत - बारामास भवानी रुच मुच कसे हो सिंगार | BARAMAS VO DAI RUCH MUCH KASE VO SINGAR | JAS GEET LYRICS
प्रकार - जस गीत
सिंगर - कांतिकार्तिक यादव
लेखक - परमानंद कठोलिया
म्यूजिक कंपनी - OP
2024-10-04 01:41:03