शिव जटा ले गंगा बोहाके / कांतिकार्तिक यादव
शिव जटा ले गंगा बोहाके झलमला में आगे ना 2
सतजुग त्रेता द्वापर अस गा 2 मोला लागे ना
शिव जटा ले
शिव जटा ले गंगा बोहाके झलमला में आगे ना 2
हर हर गंगे हर हर गंगे 2
झलमला गांव के बांधापोखर मा गंगा के रहवास हे
केवट जाली मा माता फस गे रोजी रोटी के आस हे
दम खम कर के तीरे जाली ला लागे मन उपवास हे
जाली लखठावत खुशी समागे माता मूर्ति पास हे
मन मा भय अउ विचार सिरजे
मन मा भय अउ विचार ले तन मन करियागे ना
शिव जटा ले
शिव जटा ले गंगा बोहाके झलमला में आगे ना 2
हर हर गंगे हर हर गंगे 2
अनजाने मा बिन बिचार के तरिया मा छोडे मूर्ति ला
बईगा के सपना मे सुग्घर माता बुध मा डारे सुरति ला
सुध सुरति के भेद ला लेगे छवि प्रसाद तीर किरती ला
माल गुजारी संग केवट बपरा चले लाये बर मूर्ति ला
सपना सुध के सुग्घर मूर्ति 2 जाली मा आगे ना
शिव जटा ले
शिव जटा ले गंगा बोहाके झलमला में आगे ना
हर हर गंगे हर हर गंगे 2
माल गुजार छबी के सुध हा माता मूर्ति मा लागे हे
पानी के देवी गंगा हरे ये गंगा नाव धरा गे हे
मान पान ले स्थापना डारीस मठ मा मूर्ति रूपसागे हे
गांव के देवी देवता संग मा मान पान ला पागे हे
बेरा के संग संग किरती बगरे 2 ज्योती हा जागे ना
शिव जटा ले
शिव जटा ले गंगा बोहाके झलमला में आगे ना
हर हर गंगे हर हर गंगे 2
सोलह सिंगार ले सिंगरे माता दरस ले पाप नसाये हे
छवि दीवार के जस भगती हर आज जगत मा छाये हे
तारण तारणी हे बैतरनी कोनो पार नई पाये हे
दक्षिण कौशल के झलमला म किरपा के धार बोहाये हे
भगत के रेला रेलम पेला 2 मा मेला भरागे ना
शिव जटा ले
शिव जटा ले गंगा बोहाके झलमला में आगे ना
हर हर गंगे हर हर गंगे 2
चइत कुंआर के पवरीत बेला म भगती के गंगा बोहाये गा
गंगा मैया के दया मया ले सबके आस पुराये गा
लोक लोकन के सेउक भगत मन सुग्घर सेवा बजाये गा
ज्योत अखंड हा रिग बिग सिग बिग सबके मन ला भाये गा
कांतिकार्तिक मौनी लाला के 2 मन हर्षागे ना
शिव जटा ले
शिव जटा ले गंगा बोहाके झलमला मे आगे ना
सतजुग त्रेता द्वापर अस गा 2 मोला लागे ना
शिव जटा ले
शिव जटा ले गंगा बोहाके झलमला में आगे ना 2
गीत - शिव जटा ले गंगा बोहाके
प्रकार - जस गीत
सिंगर - कांतिकार्तिक यादव
लेखक - मौनी लाला
म्यूजिक कंपनी - OP DEWANGAN
SHIV JATA LE GANGA BOHAKE [CG जस गीत] KANTIKARTIK YADAV || Mauni Lala JI || KOK Creation RJN