काहे के दीयना दाई / दुकालू यादव
दीया बरत जग जोत वो दाई जगमग जग संसार मा
हरियर हरियर तोर फूलवारी लाली जोत लिलार मा
तीन लोक अउ चौदह भुवन मे ज्योति तोर बरत हे
ब्रम्हा विष्णु अउ शिव शंकर सब देवता दरस करत हे
सब देवता दरस करत हे
काहे के दीयना 2 काहे के बाती 2
जगमग जगमग बरे दिन राती ||2||
काहे के दीयना दाई काहे के बाती वो
जगमग जगमग नव दिन जले 2
माटी के दीयना दाई पोनी के बाती वो
जगमग जगमग नव दिन जले 2
कउन बनाये दीयना कउन हा बाती वो
जगमग जगमग नव दिन जले 2
कुम्हरा बनाये दीयना पटवा हा बाती वो
जगमग जगमग नव दिन जले 2
काकर अंगना दाई काकर भुवना वो
जगमग जगमग नव दिन जले 2
बूढ़ी माई के अंगना दाई बूढ़ा देव के भुवना वो
जगमग जगमग नव दिन जले 2
चैत महिना दाई कुंवार महिना वो
जगमग जगमग नव दिन जले 2
संझा बिहनिया दाई देखे मोर नैना वो
जगमग जगमग नव दिन जले 2
जगमग जगमग नव दिन जले 4
गीत - काहे के दीयना दाई
प्रकार - जस गीत
सिंगर - दुकालू यादव
लेखक - -
म्यूजिक कंपनी - SUNDRANI
2024-04-12 15:57:01