आरूग हे कलशा दाई / अनुज शर्मा
आरूग हे कलशा दाई आरूग बाती वो,
आरूग दियना जलाव
दाई वो, आरूग दियना जलाव
आरूग दोना चाउर आमा के पाना वो, आरूग फुलवा दाई निम्बू के बाना वो |
नरियर जोड़ा लानेव हरियर दूबी वो, आरूग गोरस दाई नवघट देवी वो |
आरूग चन्दन लानव आरूग बंदन वो, आरूग बिरवा बोवाव |
दाई वो, आरूग बिरवा बोवाव |
अंगना ला लिपे पोते चउक पुरायेव वो, भुवना के तीरे तीरे कलशा सजाये वो |
तोरे सवांगा धरे हुम चढ़ाये वो, सिरजे हो दुर्गा दाई जोत जलायेव वो |
आरूग चुरी लानव आरूग फुंदरी वो, आरूग चुनरी चढाव|
दाई वो, आरूग दियना जलाव |
गीत - आरूग हे कलशा दाई
प्रकार - जस गीत
सिंगर - अनुज शर्मा
लेखक - राम नारायण ध्रुव
म्यूजिक कंपनी - Arug Music Company
Arug he kalsha dai arug bati vo
arug diyana jalav
dai vo, arug diyana jalav
arug dona chaur ama ke pana vo, arug fulwa dai nimbu ke bana vo
nariyar joda lanev hariyar dubi vo, arug gorash dai navghat devi vo
arug chandan lanav arug bandan vo, arug birva bovav
dai vo, arug birva bovav
angana la lipe pote chauk purayev vo, bhuvna ke tire tire kalsha sajaye vo
tor savanga dhare hoom chdhayev vo, sirje ho durga dai jot jalayev vo
arug churi lanav arug fundari vo, arug chunri chadhav
dai vo, arug diyna jalav