धमतरी के बिलई माई / दुकालू यादव
विंध्यवासिनी माता बिलई के महिमा अपरम्पार हे
जेकर सरन मा जम्मो जिव के माता हमर उद्धार हे
लईका हा तो मुड ला काट के चढ़ा दिस माता कर
कथा कहानी सुनव आवव माता बिलई के सुग्घर
धमतरी के बिलई माई कईसे करौ तोर बखान ओ
कटे मुड़ ला तै लईका के जोडे अउ डारे ओमा परान ओ
अउ डारे ओमा परान ओ दाई अउ डारे ओमा परान ओ 2
धमतरी के बिलई माई कईसे करौ तोर बखान ओ
कटे मुड़ ला तै लईका के जोडे अउ डारे ओमा परान ओ
विन्ध्येश्वरी माता विन्ध्येश्वरी हे बिलई माता विन्ध्येश्वरी
गुणी जन मन कईथे सुग्घ्घर माता बिलई के कहानी
छोटे छोटे रहे पारधि लईका अक्कल बुध के नदानी
जंगल जावै शिकार लावै धरे रहै तिर कमानी
पखरा रूप में छाँव धूप में बईठे रहे माँ भवानी
संझा बिहनिया कर के दर्शन धरे लईका मन धियान ओ
कटे मुड़ ला तै लईका के जोड़ अउ डारे ओमा परान ओ
धमतरी के बिलई माई कईसे करौ तोर बखान ओ
कटे मुड़ ला तै लईका के जोडे अउ डारे ओमा परान ओ
विन्ध्येश्वरी माता विन्ध्येश्वरी हे बिलई माता विन्ध्येश्वरी
एक दिन एकझन पारधि लईका जाये शिकार करे बर
हाथ जोड़ के माथ नवा के बोले माता कर ओहर
आज हाथ ले मोर होवै बड़े शिकार हिरण हर
अतका किरपा करदे मैया ऋणि रहू मै हा तुहर
आज नई देबे ता गला काट के देदेहु मै बलिदान ओ
कटे मुड़ ला तै लईका के जोड़े अउ डारे ओमा परान ओ
धमतरी के बिलई माई कईसे करौ तोर बखान ओ
कटे मुड़ ला तै लईका के जोडे अउ डारे ओमा परान ओ
विन्ध्येश्वरी माता विन्ध्येश्वरी हे बिलई माता विन्ध्येश्वरी
बचन हार के माता बिलई के लईका चले जंगल भीतर
शिकार मारे झोली मा डारे फेर आये माता बिलई कर
मजुर पांख में गला काट के चघादिस लईका हर
अवइया जवईया मनसे मन देखे होगे का होनी भयंकर
रोवा राई पर गे गांव बस्ती मा होगे सबो हलाकान ओ
कटे मुड़ लातै लईका के जोड़े अउ डारे ओमा परान ओ
धमतरी के बिलई माई कईसे करौ तोर बखान ओ
कटे मुड़ ला तै लईका के जोडे अउ डारे ओमा परान ओ
विन्ध्येश्वरी माता विन्ध्येश्वरी हे बिलई माता विन्ध्येश्वरी
उही समय तब माता बिलई ला जम्मो झन गोहराये
बिलई रूप में परकट होके माता लईका ला जियाये
जय होवै तोर विंध्यवासनी कहिके जयकारा लगाये
जुर मिल के सब नर अउ नारी मंदिर फेर बनवाये
ये प्रेम कोसरिया नव दिन रतिहा करे तुहर गुनगान ओ
कटे मुड़ ला तै लईका के जोड़े अउ डारे ओमा परान ओ
धमतरी के बिलई माई कईसे करौ तोर बखान ओ
कटे मुड़ ला तै लईका के जोडे अउ डारे ओमा परान ओ
विन्ध्येश्वरी माता विन्ध्येश्वरी हे बिलई माता विन्ध्येश्वरी
गीत - धमतरी के बिलई माई
प्रकार - जस गीत
सिंगर - दुकालू यादव
लेखक - -
म्यूजिक कंपनी - KK CASSETTE