करम गति - पंथी / द्वारिका बर्मन
ए करम के गति बड़ा न्यारी हावय भाई
झन देहव तुमन दोस जनम देवैया महतारी ला 2
एक गैया के चार बछुरा हो एक नांगर मा फन्दाय
एक बने भोला जी के नंदी एक घानी मा फंदाय
एक बने बिलकुल हरहा
हरहा हो
झन देहव तुमन दोस जनम देवैया महतारी ला 2
एक लता के चार फुलवा हो एक हार मा गुथाय
एक चढ़े गुरु के चरन मा एक गिरे मुरझाय
एक फुल जावय मरघट मा
मरघट मा हो
झन देहव तुमन दोस जनम देवैया महतारी ला 2
एक माटी के चार घडा बने हो भांग एक मा घोराय
एक मा पानी भरे पनिहारिन एक घिवहा कहाय
एक घडा चले मरघट मा
मरघट मा हो
झन देहव तुमन दोस जनम देवैया महतारी ला 2
एक मैया के चार ललना हो एक राज चलाय
एक बेटा हिरा मोती पारखी एक बने हे किसान
एक भीख मांगे चार दुवारी
चार दुवारी हो
झन देहव तुमन दोस जनम देवैया महतारी ला 2
झन देहव तुमन दोस जनम देवैया महतारी ला 4
गीत - करम गति - पंथी
प्रकार - पंथी
सिंगर - द्वारिका बर्मन
लेखक - द्वारिका बर्मन
म्यूजिक कंपनी - SB MUSIC PANTHI GEET SATNAM BHAJAN