गुरु के बानी हे कतका सुग्घर / स्वर्णा दिवाकर
मनखे मनखे हे एक बरोबर गुरु के बानी हे कतका सुग्घर 2
ए गुरु के बानी हे कतका सुग्घर बाबा के बानी हे कतका सुग्घर 2
मनखे मनखे हे एक बरोबर गुरु के बानी हे कतका सुग्घर 2
ए सन्ना ना नन्ना मोर नन्ना ना ललना 4
ए लहू रकत औ हाड मास के बने हे सबो के तन हा गा
--बने हे सबो के तन हा गा बने हे सबो के तन हा गा--
नई खावय कोनो हिरा मोती ला खाथे सबो एक अन्न ला गा
--खाथे सबो एक अन्न ला गा खाथे सबो एक अन्न ला गा--
खाथे सबो एक अन्न ला गा खाथे सबो एक अन्न ला गा
--खाथे सबो एक अन्न ला गा खाथे सबो एक अन्न ला गा--
चन्दा सुरुज हा उथे सबो बर गुरु के बानी हे कतका सुग्घर
मनखे मनखे हे एक बरोबर गुरु के बानी हे कतका सुग्घर
ए कोनो बड़े अऊ कोनो छोटे कैसे होही जात पात ले गा
--कैसे होही जात पात ले गा कैसे होही जात पात ले गा --
ए दुनिया मा आये हं सब्बो एके रद्दा एके घाट ले गा
--एके रद्दा एके घाट ले गा एके रद्दा एके घाट ले गा --
एके रद्दा एके घाट ले गा एके रद्दा एके घाट ले गा
--एके रद्दा एके घाट ले गा एके रद्दा एके घाट ले गा --
का अतको नई हे गा खबर गुरु के बानी हे कतका सुग्घर
मनखे मनखे हे एक बरोबर गुरु के बानी हे कतका सुग्घर
ए गुरु के बानी हे कतका सुग्घर बाबा के बानी हे कतका सुग्घर 2
मनखे मनखे हे एक बरोबर गुरु के बानी हे कतका सुग्घर 2
गीत - गुरु के बानी हे कतका सुग्घर
प्रकार - पंथी
सिंगर - स्वर्णा दिवाकर
लेखक - -
म्यूजिक कंपनी - -
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