झूम झूम के नाचो गा पंथी / स्वर्णा दिवाकर

ए मांदर झांझ मंजीरा बाजे अऊ झूमर जाय तन मन
अऊ गुरु जयंती मा गुरु महिमा गाले तर जाही जीवन 

ए तर जाही जीवन होत है सकल काज की जय 
होत है सकल काज की जय 
बार बार सब प्रेम से बोलव सत्यनाम की जय 2

बोल परम पूज्य घासी दास बाबा की जय 

ए सन्ना ना नन्ना मोर नन्ना हो ललना 2
ए सन्ना ना नन्ना मोर नन्ना हो ललना 4

ए सादा झंडा लहराय लहर लहर 2
आगे दिसंबर गुरु के जयंती 
झूम झूम झूम के नाचो गा पंथी
झूम झूम झूम के गाओ गा पंथी ||2||

एदे घिव् के कलश जोती आरती सजाबो 
गज मोतियाँ के सुग्घर चऊक पुराबो 
--गज मोतियाँ के सुग्घर चऊक पुराबो--
एदे सेत के आसन सेत गदिया बिछाबो
नरियर सुपारी पान फुल चडाबो 
--नरियर सुपारी पान फुल चडाबो--

झूमे झूमे ए धरती झूमे ए अम्बर 
आगे दिसंबर गुरु के जयंती 
झूम झूम झूम के नाचो गा पंथी
झूम झूम झूम के गाओ गा पंथी

अपन गुरु के चलो महिमा ला गाबो 
सत के संदेस सारी दुनिया मा बगराबो 
--सत के संदेस सारी दुनिया मा बगराबो --
मन मा अपन सत के जोत जलाबो 
घरो घर सतनाम के अलख जगाबो 
--घरो घर सतनाम के अलख जगाबो--

लागे ए भुइया सरग ले सुग्घर 2
आगे दिसंबर गुरु के जयंती 
झूम झूम झूम के नाचो गा पंथी
झूम झूम झूम के गाओ गा पंथी

ए सादा झंडा लहराय लहर लहर 2
आगे दिसंबर गुरु के जयंती 
झूम झूम झूम के नाचो गा पंथी
झूम झूम झूम के गाओ गा पंथी

गीत - झूम झूम के नाचो गा पंथी
प्रकार - पंथी
सिंगर - स्वर्णा दिवाकर
लेखक - -
म्यूजिक कंपनी - Anjor

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पंथी

करम गति - पंथी -द्वारिका बर्मन

मंदिरवा मा करे जईबो-गोर लाल बर्मन, रतन सबीहा

मोर अंगना मा गडायेव जैतखाम-दुलीचंद खरे, सावित्री साहू

चलना चलना चटुवापूरी-किसन सेन

छाता पहाड़ ला-Bhagwati devi Tandeshwai

तै बरत रईबे बाबा-लता कुलकर्णी

गाड़ी अऊ बइला सजाले-Bhagwati devi Tandeshwai

सत के खम्बा मा सत्य के झंडा-आरू साहू

बावा बैरागी नोहा -RAJENDR RANGILA,MILAN RANGILA,POOJA RANI,MADHU SAH

हो तोर सादा के गा झंडा-किसन सेन

झिलमिल दिया गुरु हो तोर ज्ञान के-मंजू साहू

घट घट मा बसे हे सतनाम-गोरे लाल बर्मन

मै आयेव गुरु तोरे दुवरिया-हर्ष लता पटेल

तोर नाम के निर्मल छईहा मा-वीरेंद्र चतुर्वेदी

आवो साहेब बैठो गदीया म- पं कुमान दास जोशी ,पं भारतेष जोशी

झूम झूम के नाचो गा पंथी-स्वर्णा दिवाकर

गुरु के बानी हे कतका सुग्घर-स्वर्णा दिवाकर

ए उही जाने महिमा ला तोर -वीरेंद्र चतुर्वेदी, कुसुम प्रजापति

दिल हे देवाना गुरु पंथी के ताल के-वीरेंद्र चतुर्वेदी