हरी बिना जग लागे सुन्ना - रामायण गीत - शारदा रानी मानस परिवार - लिरिक्स / रानी साहू
हरी बिना जग लागे सुन्ना रे नई भावे मोला सोना चांदी महल अटारी
हरी बिना जग लागे सुन्ना रे नई भावे मोला सोना चांदी महल अटारी
घर बन बैरी लागे गली गाव कुलुप लागे 2
अन पानी जहर भईगे बोली हासी जुलुम लागे 2
तन मन मा लागत हवय गुन्ना रे नई बाचे चोला, धतकत छतिया मा आगी
हरी बिना जग लागे सुन्ना रे नई भावे मोला सोना चांदी महल अटारी
पीरा पिरित भईगे जरथे हिरा के काया 2
काबर बनाए रामा मया पीरा के माया 2
अधरे मा जिनगी भईगे सुनना रे नई बाचे चोला, धतकत छतिया मा आगी
हरी बिना जग लागे सुन्ना रे नई भावे मोला सोना चांदी महल अटारी
नई भावे मोला सोना चांदी महल अटारी 4
गीत - हरी बिना जग लागे सुन्ना - रामायण गीत - शारदा रानी मानस परिवार - लिरिक्स
प्रकार - रामायण भजन
सिंगर - रानी साहू
लेखक - -
म्यूजिक कंपनी - CG RAMAYAN
HARIBINA JAG LAGE SUNNA RE // JAYA MAA SHARDA MANAS PARIVAR SORID // CG RAMAYAN BHAJAN//
2024-10-07 03:47:29
2024-03-10 07:46:39
2023-06-25 08:40:24
2024-07-20 06:13:04