बूझो बूझो गोरखनाथ अमृत बानी - उलट बासी - Bujho Bujho Gorakhnath Amrit Vani Lyrics / अनुज शर्मा
कबीर दास के उलटा बानी
बरसे ला कमरा अऊ भीजे ला पानी जी
बूझो बूझो गोरखनाथ अमृत बानी
बरसे कमरा अऊ भीजे ला पानी जी
कऊआ के डेना म पीपर करे बासा
मुसवा के बिला म बिलई होए नासा जी||2||
बूझो बूझो गोरखनाथ अमृत बानी
बरसे कमरा अऊ भीजे ला पानी जी
तरी रे घईला ऊपर पनिहारिन
लईका के गोदी म खेलय महतारी जी
बूझो बूझो गोरखनाथ अमृत बानी
बरसे कमरा अऊ भीजे ला पानी जी 2
पहिली पूत पीछे भई माई
चेला के गुरु लागे पाई जी
बूझो बूझो गोरखनाथ अमृत बानी
बरसे कमरा अऊ भीजे ला पानी जी 2
बांधे ले घोडा भागे ले खुटा
चडके नंगारा बजावत हे उटा जी
बूझो बूझो गोरखनाथ अमृत बानी
बरसे कमरा अऊ भीजे ला पानी जी 2
गीत - बूझो बूझो गोरखनाथ अमृत बानी - उलट बासी - Bujho Bujho Gorakhnath Amrit Vani Lyrics
प्रकार - रामायण भजन
सिंगर - अनुज शर्मा
लेखक - -
म्यूजिक कंपनी - Aarug Music
Bujho Bujho Gorakhnath Amrit Vani Lyrics anuj Sharma
2024-09-20 17:04:31
2024-01-16 09:55:08