बिपति हरो हरी मोर बंधना छोरो बंदी छोर - Bipati Haro Hari Mor Lyrics / Kavita Vasnik
बिपति हरो हरी मोर बंधना छोरो बंदी छोर
बिपति हरो हरी मोर बंधना छोरो बंदी छोर
तुहर छोड़ के हरी जी कोन हे मोर 2
मया मोह फसे हओ जैसे फसे हे गुड माखी
बिच भावर मा अंध मंधाये हव धुन्धरागे अब आखी
बिपति हरो हरी मोर बंधना छोरो बंदी छोर
तुहर छोड़ के हरी जी कोन हे मोर 2
छीन छीन उमर घुरत हे जैसे पानी मा बुडे ढेला
दिन बदिन नीरस लागत हे ए जिनगी के मेला
बिपति हरो हरी मोर बंधना छोरो बंदी छोर
तुहर छोड़ के हरी जी कोन हे मोर 2
वहम टूटगे सब सपना कस भार लागत हे काया
लेव समेट आके अब प्रभु जी तन तम्बू के माया
बिपति हरो हरी मोर बंधना छोरो बंदी छोर
तुहर छोड़ के हरी जी कोन हे मोर 2
बिपति हरो हरी मोर बंधना छोरो बंदी छोर
तुहर छोड़ के हरी जी कोन हे मोर 2
गीत - बिपति हरो हरी मोर बंधना छोरो बंदी छोर - Bipati Haro Hari Mor Lyrics
प्रकार - रामायण भजन
सिंगर - Kavita Vasnik
लेखक - -
म्यूजिक कंपनी - T Series
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