धरोहर - दिया के बाती हा कहिथे - Diya Ke Bati Ha Kahithe Lyrics / कविता वासनिक
दिया के बाती हा कहिथे 2
सच बात ला वो कहिथे 2
जरे के बेरा जरे के बेरा 2
तन माटी के बने हे अऊ बाती ले सजे हे 2
तेल भरपूर भरे हे जोत हा सुन्दर बने हे 2
दिया के बाती हा कहिथे 2
सच बात ला वो कहिथे 2
जरे के बेरा जरे के बेरा 2
चन्दा तोर से जरे हे सुख तोर से मिले हे 2
मन धुवा से भरे हे तभे तो दुनिया कर हे 2
दिया के बाती हा कहिथे 2
सच बात ला वो कहिथे 2
जरे के बेरा जरे के बेरा 2
मन के दिया ला कहिथे माटी के दिया हा कहिथे 2
धन तोर जिनगानी धान हे दीदी धन धन हे 2
दिया के बाती हा कहिथे 2
सच बात ला वो कहिथे 2
जरे के बेरा जरे के बेरा 2
गीत - धरोहर - दिया के बाती हा कहिथे - Diya Ke Bati Ha Kahithe Lyrics
प्रकार - रामायण भजन
सिंगर - कविता वासनिक
लेखक - -
म्यूजिक कंपनी - T Series
धरोहर - दिया के बाती हा कहिथे - Diya Ke Bati Ha Kahithe Lyrics