अजी अजी बलि राजा गऊकी बाम्हन मत मानो - Lyrics / प्रभु सिन्हा, महादेव हिरवानी , कविता वासनिक
अजी अजी बलि राजा गऊकी बाम्हन मत मानो 2
साच कहव विस्वास मान लव 2
विस्वास मान विस्वास मान लव 2
साची मोरी बानी राजा गऊकी बाम्हन मत मानो 2
अजी अजी बलि राजा गऊकी बाम्हन मत मानो 2
सूत उठ प्रातः काल बौना खड़े बलि घर
एसो धरमी दानी संग मांगे साढ़े तीन पाव
तीन लोक के स्वामि जी
ओतो तीन लोक के स्वामी जी ||2||
मै तो देवलोक रहिथव श्री कृष्ण जपथव
तुम दानी हव राजा मोर दुख हरो राजा
तीन लोक के स्वामि जी
ओतो तीन लोक के स्वामी जी ||2||
मै तो मांगी मांगी भिक्षा करथव अपन गुजारा राजा
गऊकी बाम्हन मत मानो ||2||
अजी अजी बलि राजा गऊकी बाम्हन मत मानो 2
सुन सुन सुन राजा मान लव हमार बात
अपरम्पार लीला लागे हे तुम्हार साथ
गुन में भरे हे छोटे न निहारो आज
तीन लोक के स्वामि जी
ओतो तीन लोक के स्वामी जी ||2||
देवकी बसदेव घर अवतार लियो
छप्पन कोटिन यदु वंशन को नाश कियो
पूतना को मार सुरलोक में पठाए दियो
कंस जैसे पापी मार गंग में बहाए दियो
तीन लोक के स्वामि जी
ओतो तीन लोक के स्वामी जी ||2||
ए तो तुम सो करत बहाना राजा
गऊकी बाम्हन मत मानो ||2||
अजी अजी बलि राजा गऊकी बाम्हन मत मानो 2
एक समय सुन ए तो रावण के नास कियो
कंचन के कोठ कोन माटी में मिलाए दियो
पिरथी के भार एक क्षण में उठाए दियो
तीन लोक के स्वामि जी
ओतो तीन लोक के स्वामी जी ||2||
आज तीन पाव तीन लोक को बढाए दियो
एक पाँव बलि राजा पीठ मा जमाए दियो
चौदहों भुवन तीनो लोक में प्रकाश कियो
तीन लोक के स्वामि जी
ओतो तीन लोक के स्वामी जी ||2||
एतो कल्पवृक्ष के छाया राजा
गऊकी बाम्हन मत मानो ||2||
अजी अजी बलि राजा गऊकी बाम्हन मत मानो 2
साच कहव विस्वास मान लव 2
विस्वास मान विस्वास मान लव 2
साची मोरी बानी राजा गऊकी बाम्हन मत मानो 2
अजी अजी बलि राजा गऊकी बाम्हन मत मानो 2
गीत - अजी अजी बलि राजा गऊकी बाम्हन मत मानो - Lyrics
प्रकार - रामायण भजन
सिंगर - प्रभु सिन्हा, महादेव हिरवानी , कविता वासनिक
लेखक - -
म्यूजिक कंपनी - T Series
अजी अजी बलि राजा