हलू हलू रेंगव हो दुलहा बाबु / गरिमा दिवाकर
हलू हलू रेंगव हो दुलहा बाबु
तुहर रनिया के अंग झन डोलय हो
कुवर कुवर पग धरव हो दुलही नोनी
तुहर रजवा के अंग झन डोले हो
पहिली भावर जनक पूरी मा परथे राम सिया के परथे वो
दूजे भावर हिमालय मा परथे उमा भोले के परथे वो
तीजे चौथे वो नोनी खेले कूदे अंगना अऊ पढ़े लिखे अंगना
पंचमी सिखायेव रांधे गढ़े बर बेटी छठ आगे तोर सजना
सात भावर परगे अब चल देबे बेटी
सात जनम बर तै पीया के गाव हो
हलू हलू रेंगव हो दुलहा बाबु
तुहर रनिया के अंग झन डोलय हो
हलू हलू रेंगव हो कुवर बाबु
कुवर कुवर पग धरव हो दुलही नोनी
तुहर रजवा के अंग झन डोले हो
गीत - हलू हलू रेंगव हो दुलहा बाबु
प्रकार - बिहाव गीत
सिंगर - गरिमा दिवाकर
लेखक - -
म्यूजिक कंपनी - KK CASSETTE