दुरुग सहर ले आये बरतिया (भड़ौनी) / कविता वासनिक, उत्तम तिवारी
दुरुग सहर ले आये बरतिया सूट बूट ओरमाये हो 2
बेंदरा भालू कस नाचत हे चुंदी मुडी छरियाये हो 2
गाव के टुरी मन कमती नई हे हमरो मन ललचाये हो 2
चस्मा पहिर के आखी मारे कोनो समझ नी पाए हो 2
धरे कैमरा टूरा बरतिया फोटो खीच न पाए 2
केमरा के सब रील सिरागे
बिजली ला चमकाए बरतिया सखिया हे 2
छेरी मन कस टुरी लपरही लपर लपर गोठियाये 2
पीपर पाना ला खाके सब झन
मेरेर मेरेर नरियार टुरी मन बोकरी हे 2
तोर बहिनी ला लाबे बरतिया परी सही समराबो रे 2
ओली भर के मुजरा पाहि मडवा मा नाचवाबो रे 2
तुहर भाई मन गजब लजाथे डौकी सही लुकाथे 2
लईकोरी बन के हे सब झन लईका मन ला खेलाथे 2
घुघवा कस तोर कान बरतिया कोलिहा कस तोर बोली 2
घरखुसरा के बडका भैया
करथे गजब ठिठोली रे समधी जोक्कर हे 2
रापा कस तोर दात हे टुरी सुपा कस तोर कान 2
सूर्पनखा के नान्हे बहिनी
नकटी गजब गुमान वो समधिन चालु हस 2
दूल्हा डउका के भाई बोटर्रा कोलकी सोलकी झाकय रे 2
टुरी कभू नई देखे हे तईसे बोटोर बोटोर ताकय रे 2
दुल्हिन के बहिनी नकटी सुन अतका झन हम आये हन 2
अपनो बर तै खोज ले दुलहा सब झन आस लगाए हन 2
टुरी कभू नई देखे हे तईसे बोटोर बोटोर ताकय रे 2
अपनो बर तै खोज ले दुलहा सब झन आस लगाए हन 2
गीत - दुरुग सहर ले आये बरतिया (भड़ौनी)
प्रकार - बिहाव गीत
सिंगर - कविता वासनिक, उत्तम तिवारी
लेखक - -
म्यूजिक कंपनी - SUNDRANI