दिखे समधी के मुहरन(भड़ौनी) / गरिमा दिवाकर, दुकालू यादव
दिखे समधी के मुहरन वईसे पिचके
जईसे गरती रे आमा ले कोनो चुहके
सगा समधीन के लुगरा के बांधे पागा
जादा डरवाथे समधिन तोला का गा
अब डर नई हे अब डर नई हे
अब डर नई हे समधी तै खाले बने गा
बने आसन जमाके हाथ गोड ला लमाके
हमर पहरो मा गा
--बने आसन जमाके हाथ गोड ला लमाके
हमर पहरो मा गा--
घी बिना घर मा मै खावा नहीं वो
बिना पापड़ बिजौरी हाथ उतारव नहीं वो
ए समधीन
--घी बिना घर मा मै खावा नहीं वो
बिना पापड़ बिजौरी हाथ उतारव नहीं वो--
खाथे अईसन जेवन मोर छेरी पठरु
खाथे बरा अऊ सोहारी हमर गाय बछरू
--खाथे अईसन जेवन मोर छेरी पठरु
खाथे बरा अऊ सोहारी हमर गाय बछरू--
का भरोसा नई हे का भरोसा नई हे
का भरोसा नई हे समधिन ता चल संग मा वो
तै आखी मा देख लेबे तै खुदे सरीख लेबे
तब पतियाबे वो
--तै आखी मा देख लेबे तै खुदे सरीख लेबे
तब पतियाबे वो--
लागे ढेडहा हा गाजब भुखाये हे वो
ए हा के महिना ले नई खाए हे वो
खाए गपर गपर तीरे सपड सपड
सखी कढही मा मेछा सनाए हे वो
एकर पतरी मा एकर दोना मा
एकर पतरी अऊ दोना मा पेट नई भरय
तै हा कोटना मा खाले सगा बांगा मा पीले
हमर पहरों मा गा
--तै हा कोटना मा खाले सगा बांगा मा पीले
तै हा मन भर के गा--
अरे चार गाव के समधिन मै माल गुजार वो
गिनती मा गिनावय नहीं मोर खेती खार वो
समझे समधिन
--चार गाव के समधिन मै माल गुजार वो
गिनती मा गिनावय नहीं मोर खेती खार वो--
जिथे तीन कोरी नौकर मोरे करा
तै हा मोला का खवाबे सोहारी बरा
--जिथे तीन कोरी नौकर मोरे करा
तै हा मोला का खवाबे सोहारी बरा--
चल चल सगा चल चल सगा
चल चल सगा मोरे संगे मा तै हा वो
गाड़ी मोटर चघाहू रंग रंग के खवाहू
समधिन तोला वो
--गाड़ी मोटर चघाहू रंग रंग के खवाहू
समधिन तोला वो--
तै आखी मा देख लेबे तै खुदे सरीख लेबे
तब पतियाबे वो
--तै आखी मा देख लेबे तै खुदे सरीख लेबे
तब पतियाबे वो--
ओहो लजागे रे समधिन हा मोर
ए समधिन
गीत - दिखे समधी के मुहरन(भड़ौनी)
प्रकार - बिहाव गीत
सिंगर - गरिमा दिवाकर, दुकालू यादव
लेखक - -
म्यूजिक कंपनी - KK CASSETTE