मोर छत्तीसगढ़ के माटी गीत के बोल हिन्दी | mor chhattisgarh ke mati / कान्तिकार्तिक यादव

स्थायी 
मोर छत्तीसगढ़ के माटी तै भारत माँ के साटी, 

मै तोला नवावौ माथा महतारी आती जाती

मोर छत्तीसगढ़ के माटी तै भारत माँ के साटी, 

मै तोला नवावौ माथा महतारी आती जाती

 

अंतरा 1
नवा बिहान के नवा सुरूज संग चिरगुन चहकन लागे

मोर पपीहा रम्हली बाम्हन फूदकत मया बगरागे

नयन के ज्योती ले साधे आरती करलव स्तुति भंजागे

माटी महतारी अटल कुंआरी माता के पद पागे

कल कल कल करथे सरिता, सुर के धरे हे थाथी

मै तोला नवावौ माथा महतारी आती जाती

मोर छत्तीसगढ़ के माटी तै भारत माँ के साटी, 

मै तोला नवावौ माथा महतारी आती जाती

 

अंतरा 2 
छत्तीसगढ़ के मया के रंग भारत माँ के सिंगार हे

दक्षिण कौशल पौरी हरे वो सुख के ये आधार हे

अन्न इहा के गुरमटीया माटी के सीख सधार हे

बजुर छाती के परसादे बेटा किसान के सरदार हे

येदे पेज पसिया अऊ मडिया घुघरी कुल्ठी के सुहाती

मै तोला नवावौ माथा महतारी आती जाती

मोर छत्तीसगढ़ के माटी तै भारत माँ के साटी, 

मै तोला नवावौ माथा महतारी आती जाती
 

अंतरा 3
अन्न हा माता दूध हरे वो जिनगी के निस्तारी हे

कोनो बेटा करे मजूरी कोनो बाबू अधिकारी हे

करम कमाई करे ल परही छत्तीसगढ़ महतारी हे

कोनो दरोगा हवलदार हे, सबो के सेवा दारी हे

नीति नियाव ला साधे, जीवन मे जाती बिराती

मै ताला नवावौ माथा महतारी आती जाती

मोर छत्तीसगढ़ के माटी तै भारत माँ के साटी, 

मै तोला नवावौ माथा महतारी आती जाती

 

अंतरा 4

 
छत्तीसगढ़ के गढहइया मन ला घेरी बेरी परनाम हे

छत्तीसगढ़ी भाखा हे गुरतुर कोनो नई परमाण हे

दक्षिण कौसल के मान ला पाये जिहा खेले भगवान हे

श्रृंगी सिहावा बस्तर कोन्डा जाने सरी जहान हे

तीरथगढ़ गंगा बोहाये चिल्फी घाटी हे बंधाती

मै तोला नवावौ माथा महतारी आती जाती

मोर छत्तीसगढ़ के माटी तै भारत माँ के साटी, 

मै तोला नवावौ माथा महतारी आती जाती
 

अंतरा 5 

भोर मा भोरम शिव गुण गाथे, तरिया म खोखमा मुस्काये

भौरा बैरी गुंजार करत गा, मया म संझा लपटाये

डुंगरी डुंगर माता शक्ति अनहर मया ल बगराये

राजीव लोचन बैकुण्ठ हरे गा, सरग के सुख ल देवाये

कान्तिकार्तिक मौनी लाला संग सेवा करे दिन राती 

मै तोला नवावौ माथा महतारी आती जाती

मोर छत्तीसगढ़ के माटी तै भारत माँ के साटी 

मै तोला नवावौ माथा महतारी आती जाती

मै तोला नवावौ माथा महतारी आती जाती

गीत - मोर छत्तीसगढ़ के माटी गीत के बोल हिन्दी | mor chhattisgarh ke mati
प्रकार - लोक गीत
सिंगर - कान्तिकार्तिक यादव
लेखक - मौनी लाला
म्यूजिक कंपनी - KOK Creation

 मोर छत्तीसगढ़ के माटी गीत के बोल  हिन्दी 

Mor Chhattisgarh ke Mati Song Lyrics In Hindi & English

  • एल्बम :- मोर छत्तीसगढ़ के माटी
  • गायक :- कान्तिकार्तिक यादव
  • गीत :- मौनी लाला
  • संगीत :- ओमप्रकाश देवागन
  • म्यूजिक लेबल :- कोक क्रिएशन 
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कोयली जईसे तोर वो बोली-किशन सेन, केशरी साहू

चिन्हा मांगेव मुंदरी ला -दिलीप राय, मोंगरा विश्वकर्मा

झन करबे मन ला तै उदास-डीमन सेन, सैल किरन

तरसत हे नैना तोला देखे बर-हिरेश सिन्हा

मोला तोर संग मया हे वो-हिरेश सिन्हा

आखी ले बरसे आसू -हिरेश सिन्हा

तोर सुरता आथे वो गोरी-हिरेश सिन्हा

मोला जावन देना रे-कविता वासनिक

हमर पारा तुंहर पारा-सुनील मानिकपूरी

का तै रूप निखारे चंदैनी-नितिन दुबे, चंपा निषाद

टूरा नई जाने रे-सीमा कौशिक

मन म बांध के राखे हावव-मिनेंद्र यादव, चंपा निषाद

छुनुर छुनुर पैरी बाजे-सोनू निगम

मोर नाव के गोदना-गोर लाल बर्मन

पहावत बिहना-गोर लाल बर्मन

भाजी तोरे ला आबे-गोर लाल बर्मन, रतन सबीहा

गवईया होते ता गवातेव-नीलकमल वैष्णव

मोला झोल्टू राम बना देहे-नीलकमल वैष्णव

सतरंगी रे-नीलकमल वैष्णव

ए पान वाला बाबु-दिलीप सडन्गी, अनुपमा मिश्रा

ए भौजी मोरो बनोती-दिलीप सडन्गी

आखी मा कजरा आंजे-लक्ष्मण मस्तुरिहा

वा रे मोर पड़की मैना-लक्ष्मण मस्तुरिहा

कइसे दिखथे आज उदास रे-लक्ष्मण मस्तुरिहा

नाच नचनी वो - कुलेश्वर ताम्रकार-कुलेश्वर ताम्रकार

तोर सुरता मा ये मन भवरा-कुलेश्वर ताम्रकार, कविता वासनिक

सावन महिना घटा घनघोर-मिथलेश साहू, ममता चंद्राकर

तरसाई डारे का रे-कुलेश्वर ताम्रकार, सीमा कौसिक

बाग नदिया-ममता चंद्राकर, कुलेश्वर ताम्रकार

काली के मडई मा -ममता चंद्राकर

बहि बना दिए रे-ममता चंद्राकर

टूरा आबे रे - ममता चंद्राकर -ममता चंद्राकर

खाई लेबे मऊहा लाटा-अल्का चंद्राकर

मुंदरी रे मुंदरी सगुन मुंदरी-अल्का चंद्राकर

लीच लीच डोले कनिहा-अल्का चंद्राकर

ए रंगरसिया जोड़ीदार-अल्का चंद्राकर

आजा रे परदेसिया सजन -अल्का चंद्राकर -अल्का चंद्राकर

बईहा रे मोला का होगे - ममता चंद्राकर -ममता चंद्राकर

डोंगरी के तीर मा गाड़ी - ममता चन्द्राकर -ममता चंद्राकर, सुनील सोनी

दाई ओ टूरा दीवाना-अल्का चंद्राकर

डारी रे डारी-अल्का चंद्राकर, रामनारायण ध्रुव

नीलकमल के चंदा रानी रे-नीलकमल वैष्णव, अनुपमा मिश्रा

निंदिया लेगे रात रानी-संतोष यादव

मोर संग चलव रे-_____

कते जंगल कते झाड़ी-ममता चंद्राकर, सुनील सोनी

देख संगी बादर मा-ममता चंद्राकर, सुनील सोनी

बाम्हन चिरईया-महादेव हिरवानी

गोड मा रईपुर सहर के बिछिया-ममता चंद्राकर, सुनील सोनी

पता ले जारे गाड़ी वाला-कविता वासनिक

लहर मारे लहर बुंदिया-कुलेश्वर ताम्रकार, ममता चन्द्राकर

नदिया के तीर तीर-ममता चंद्राकर, सुनील सोनी

लागे रईथे दीवाना - अनुज शर्मा-अनुज शर्मा, अल्का चंद्राकार

फूल हांसन लागे-अनुज शर्मा, अल्का चंद्राकर परघनिया

ए माते रईबे - अनुज शर्मा-अनुज शर्मा

मन के मन मोहनी-विवेक शर्मा, कंचन जोशी

झुमर जा रे पडकी झुमर जा-मनोज वर्मा , संजय महानंद, सुनील सोनी

बने करे राम मोला अंधरा बनाए-अनुज शर्मा